बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मंगलवार को मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है। मुख्यमंत्री पर आरोप है कि वे बिहार राज्य में जातीय उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में दलित परिवार में किसी की मौत पर नौकरी देने के मामले में भीखनपुरा निवासी गौरव कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में यह परिवाद दायर किया है।
जिसमे अगली सुनवाई न्यायालय ने 14 नवम्बर रखा है की फैसला-नीतीश पर केस चलेगा या नहीं
परिवाद दायर करने वाले गौरव ने पत्रकारों को बताया कि किसी भी नौकरी का आधार हत्या नहीं हो सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस तरह की घोषणा करके पूरे राज्य में जातीय उन्माद फैलाने की कोशिश की है। इस तरह का फैसला दलितों का भी अपमान है। इस फैसले से सभी मर्माहत है। 14 सितंबर को कोर्ट यह फैसला करेगा कि नीतीश के खिलाफ केस चलेगा या नहीं।
बिहार में दलित परिवार के किसी शख्स की हत्या तो एक सदस्य को मिलेगी नौकरी
बिहार सरकार ने चुनाव से पहले अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस जमात के किसी व्यक्ति की हत्या होने पर उसके परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अफसरों को इसके लिए तत्काल कानून बनाने को कहा है। नीतीश के इस फैसले का बाद विपक्ष के तेवर तल्ख हैं। विपक्ष का कहना है कि इस तरह के फैसले लेकर नीतीश बिहार में दलितों की हत्या के बढ़ावा देना चाहते हैं।